विधायक पटेल के आक्रामक तेवर से झामुमो में हलचल

Struggle in JMM from MLA Patel's aggressive stand

News Agency : झामुमो के संस्थापक सदस्य के पुत्र सह मांडु विधायक जयप्रकाश भाई पटेल के अचानक हुए हृदय परिवर्तन के मायने सभी समझ रहे हैं। पर पटेल के बागी तेवर से झामुमो के अंदर खलबली मच गई है। झामुमो विधायक के राजग के प्रति उमड़े प्रेम से राज्य की चौदह लोकसभा सीटों के चुनाव पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह कहना मुश्किल है, पर गिरिडीह लोकसभा चुनाव पर इसका खासा असर पड़ेगा यह तय है।

विदित हो कि पटेल गिरिडीह के पूर्व सांसद स्व टेकलाल महतो के पुत्र के साथ राजनीतिक वारिस समझे जा रहे थे, पर विगत लोस चुनाव में झामुमो ने डुमरी विधायक जगन्नाथ महतो को पार्टी का टिकट थमा दिया। चुनाव में उनकी हार हुई। महतो की हार के बाद ही पटेल ने पार्टी सुप्रीमो के निर्णय पर सवालिया निशान खड़ा किया था। तब कहा था पार्टी ने मुझपर विश्वास जताया होता तो गिरिडीह सीट पार्टी की झोली में डाल दिया होता।

2019 लोस चुनाव की घड़ी आयी तो पटेल को पुनः निराशा हाथ लगी। सूत्र की मानें तो पटेल के दिल में पार्टी के प्रति खटास यहीं से पैदा हुई। टिकट से वंचित हुए पटेल पार्टी को सबक सिखाना चाहते हैं या सचमुच देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति प्रेम उमड़ा, यह तो सब समझ रहे हैं। पटेल को फिलहाल देश व राज्य मोदी के हाथों सुरक्षित लग रहा है, पर कई मौके पर पटेल ने इन लोगों के प्रति जमकर विषवमन किया था। पर राजनीति में न किसी से स्थायी दोस्ती होती है और न दुश्मनी।पटेल के बागी तेवर के बाद जातीय वोट के गुणा भाग की सभी चर्चा में लगे हैं।

जानकारी के अनुसार गिरिडीह लोस क्षेत्र में करीब ढाई से तीन लाख महतो वोटर हैं। सवाल है कि क्यापटेल स्वजातीय वोटर को झामुमो से राजग के प्रति मोड़ने में कामयाब होंगे? यहां काबिलेगौर है कि आमने-सामने का मुकाबला भी स्वजातीय के बीच ही है। यह भी सच है कि पटेल का पिता के जैसा करिश्माई व्यक्तित्व भी नहीं है कि वो बड़े वोट बैंक को जैसा चाहे मोड दें। हालांकि पटेल के बागी तेवर से झामुमो में बैचेनी देखी जा रही है।

हजारीबाग में शुक्रवार को पटेल के दिए बयान पर झामुमो ने सख्त रूख अख्तियार किया है। पार्टी के महासचिव सुप्रीयो भटटाचार्य ने पटेल को शोकाज करते हुए राजग के प्रति उमड़े प्रेम को लेकर सात दिनों के अंदर जवाब मांगा है। सुप्रीेयो ने कहा है कि पटेल का बयान पार्टी के सिद्धांत व विधान के खिलाफ है। पार्टी महासचिव ने कहा है कि इस बयान को अनुशासनहीनता व विश्वासघात मानते हुए क्यों नही आप पर कार्रवाई की जाए। फिलहाल पटेल के जबाव का इंतजार किया जा रहा है।

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